Thursday, September 22, 2016

आदतों की विरासत

आखिर अपने बड़ों पर ही जाते हैं बच्चे ........
स्कूल के पहले दिन...
बेटा : पापा आपको मेरे स्कूल बुलाया है !
पिता : क्या हुआ...?
बेटा : गणित के मास्टर ने पूछा 7x9 कितने..?
मैंने बोला ..63 !
पिता :.... तो ?
बेटा : तब उसने पूछा 9x7 .....कितने..?
पिता : तो गधे इसमें अंतर क्या है ...?
बेटा : बिलकुल , मैंने भी ऐसे ही कहा !
😟
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दूसरे दिन
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बेटा : पापा ...आप मेरे स्कूल गए..?
पिता : नहीं ..!
बेटा : ठीक है... मेरे Gym मास्टर भी ...आपसे मिलना चाहते हैं ..!
पिता : अब ...क्या हुआ ?
बेटा : उन्होने मुझे पहले कहा ....अपना दायाँ हाथ उठाओ, ...
फिर कहा बायाँ हाथ उठाओ, ...
फिर दायाँ पैर, फिर बायाँ पैर..!
पिता : तो अब क्या तू अपने पेट पर खडा होगा..?
बेटा : बिलकुल ...मैंने भी यही कहा !
😟😟😧😧
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तीसरे दिन
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बेटा : पापा आप स्कूल गए कि नहीं !
पिता : नहीं गया क्यूँ ...?
बेटा : मुझे स्कूल से निकाल दिया !
पिता : अब क्या कह दिया तूने ?
बेटा : मुझे प्रिंसीपल ने बुलाया ! मैंने अंदर जाकर देखा, वहाँ गणित व जिम के टीचर्स बैठे थे और डान्स टीचर भी बैठी थे !
पिता : डाँस टीचर  .... वहाँ क्या डान्स कर रही थी ...?
बेटा : बिलकुल ; पापा मैंने भी अंदर घुसते ही यही पूछा..!!

ये मात्र चुटकुला नहीं है, मानव की हकीकत है ।
हर इन्सान अपनी अच्छी बुरी आदतें माता पिता से ही ग्रहण करता है।

आईए अपन बडों के patterns/पैटर्न ग्रहण करने के बजाय हम अपने पैटर्नस् बदले और अपने बच्चों को भी।

🙏