Wednesday, September 22, 2021

हमारा रिमोट कंट्रोल

कई बार ऐसा होता है जब किसी के कड़वे वचन हमें दुखी कर देते हैं। किसी का दिया हुआ ताना हमें छलनी कर देता है। 

और जब ऐसा होता है तो न सिर्फ हमारा मन खराब होता है, हमारा मूड खराब होता है, बल्कि हमारा काम खराब होता है, हमारा दिन खराब हो जाता है और कभी-कभी तो कई कई दिनों तक वह बात हमारे मन मस्तिष्क पर छाई रहती है। कभी-कभी तो यहां तक हो जाता है कि किसी एक व्यक्ति की सुनाई हुई बात हमें न सिर्फ व्यथित करती है, बल्कि हमारा गुस्सा - हमारा नैराश्य किसी अपने पर निकल जाता है। अब न केवल हम दुखी और परेशान हैं, बल्कि हमारा अपना भी दुखी और परेशान हो जाता है। 

आइए देखते हैं क्या यह मुमकिन है कि हम औरों के शब्द से व्यथित ना हो। 

300 से अधिक पुस्तकों के रचयिता श्रीमद् आचार्य विजय रत्नसुंदरसुरिजी अपनी पुस्तक "मुंबई तो मुंबई है" में लिखते हैं:

जो लकड़ी जमीन पर भारी लगती है, वही पानी में हल्की हो जाती है। 

जो थैला हाथ में भारी होता है, वही सर पर रखने पर हल्का प्रतीत होता है। 

हाथ में उठाए 20 कपड़े बोझ लगते हैं, वही 20 कपड़े बैग में रखने पर इतने भारी नहीं होते। 

हाथ में उठाया हुआ पानी का बर्तन भारी रखता है लेकिन वही पानी पेट में भार नहीं लगता, वरन् तृप्ति की अनुभूति देता है। 

ठीक इसी तरह जीवन में जो भी परेशानी या कष्ट आते हैं, असुविधाएं या मुश्किलें आती हैं, मन यदि उन सबके विरोध में होता है तो वह सब कुछ मन के लिए दुःखदाई और त्रासदायी हो जाता है। परंतु मन यदि इनको स्वीकार करता है तो वह लेशमात्र भी दुखदाई या त्रासदायी नहीं होता। 

दुःख हमारा ही सर्जन है। व्यक्ति यदि दुःखी होना चाहता है, तो जरा सी प्रतिकूलता या जरा सा कष्ट भी उसे दुखी कर सकता है। वहीं यदि व्यक्ति दुखी नहीं होना चाहता है तो दुनिया का कोई भी तत्व या कोई भी परिस्थिति उसे दुखी नहीं कर सकती।

-आचार्य विजय रत्नसुंदरसूरिजी

तो इस प्रकार यदि हम दुखी या व्यथित होना चाहते हैं तो दूसरे के शब्द हमें दुखी या व्यथित करेंगे और हम दुखी या व्यथित नहीं होना चाहते हैं तो कोई कुछ भी कह दे हम न दुखी न व्यतीत होंगे। 

यह कमाल है हमारी चयन शक्ति जाने की पावर ऑफ चॉइस का।

यदि औरों के शब्द हमें विचलित करते हैं तो हमारा रिमोट कंट्रोल औरों के पास ही हुआ ना। हम यदि दुखी नहीं होना चाहते तो कोई कुछ भी कह दे, हम दुखी क्यों होवें?

आईये अबसे अपने मूड का, अपने जीवन का रिमोट कंट्रोल किसी और को ना दें।

7 comments:

  1. 🙏🙏🙏😊😊😊 yes sir. And your various sessions have made me realised this most simple but most powerful fact of life 😊😊😊. Thank you thank you thank you so much Sir 😊😊😊🙏🙏🙏

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  2. There is a lot left for me to learn from you and this article is just 1% of what you can teach the world. Thank you for sharing this article.

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